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इतना भर कहते-कहते 60 साल की मिथिलेश (मकान मालकिन) के चेहरे का रंग उड़ जाता है। बोलीं- हंसराम और मेरा बेटा दोस्त की तरह रहते थे। साथ में खाते-पीते थे।
राजस्थान के खैरथल–तिजारा में नीले ड्रम में लाश मिलने के बाद दैनिक भास्कर ने पड़ताल की। सबसे पहले पुलिस को खबर देने वाली मिथिलेश (आरोपी की मां) ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
पढ़िए यह रिपोर्ट..
सबसे पहले जानिए आखिर 17 अगस्त को क्या हुआ
डीएसपी राजेंद्र सिंह निर्वाण ने बताया- उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के नवादिया नवाजपुर निवासी हंसराम उर्फ सूरज की लाश मिली है। 17 अगस्त को मकान की छत से बदबू आने पर मकान मालिक राजेश शर्मा की पत्नी मिथलेश ने पुलिस को कॉल किया था। मौके पर पहुंचे तो छत पर बने कमरे में नीला ड्रम रखा था। इसमें शव पड़ा मिला। शव पर नमक डाल रखा था। हंसराम का धारदार हथियार से गला काटा गया था।

मृतक हंसराम (बाएं) और आरोपी जितेंद्र (दाएं)।
वो 3 सवाल, जिसके जवाब ढूंढने भास्कर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा
- हंसराम का मर्डर कब हुआ?
- उसकी पत्नी और तीनों बच्चे कहां हैं?
- मकान मालिक का बेटा क्यों गायब है?
इन्हीं सवालों को लिए दैनिक भास्कर डिजिटल की टीम 17 अगस्त की रात करीब नौ बजे किशनगढ़बास की आदर्श कॉलोनी पहुंची। पूरी कॉलोनी के लोग अपने घरों में थे। राजेश शर्मा के मकान के बाहर जरूर हमें कुछ लोग मिले। इनमें से कोई भी घटना को लेकर बात करने को तैयार नहीं था।

ये किशनगढ़बास कस्बे में स्थित आदर्श नगर कॉलोनी में राजेश शर्मा का घर है। इसी घर की छत पर हंसराम की लास नीले रंग के एक प्लास्टिक ड्रम में मिली।
मकान मालकिन ने दी थी पुलिस को खबर राजेश शर्मा के घर के अंदर जाने लगे तो राजेश शर्मा की पत्नी मिथिलेश (60) ने गेट पर ही हमें रोक लिया।
मिथिलेश इस मर्डर केस में आरोपी माने जा रहे जितेंद्र (35) की मां हैं। मिथिलेश ने ही सबसे पहले पुलिस को घर की छत से बदबू आने की सूचना दी थी। उनकी इस सूचना के बाद ही ड्रम में लाश का खुलासा हुआ।

आरोपी जितेंद्र की माता मिथिलेश ने इस केस केस के बारे में कैमरे के सामने कई बड़े खुलासे किए।
एक हफ्ते पहले हंसराम की पत्नी ने मांगा था ड्रम मिथिलेश बताती हैं- हमारा पहले खैरथल तिजारा जिले से 27 किलोमीटर दूर कोटकासिम कस्बे के पुर गांव में खुद का ईंट भट्टा था। वो मेरे पति चलाते थे, कई साल पहले बंद हो गया था। उस भट्टे पर पानी रखने के लिए ऐसे बहुत सारे ड्रम थे।
भट्टा बंद होने के बाद 10-15 नीले ड्रम हमने अपने घर पर रख लिए। सुनीता ने ड्रम मांगा। मेरे घर में बहुत सारे ड्रम थे तो मैंने दे दिया। मुझे नहीं पता था उसका क्या इरादा है।

एक सप्ताह पहले ही हंसराम की पत्नी लक्ष्मीदेवी ने मकान मालकिन मिथिलेश से पानी भरने के लिए नीला ड्रम मांगा था।
ईंट भट्टे पर हुई दोस्ती मिथिलेश ने बताया- मेरा बेटा जितेंद्र और हंसराम खैरथल-तिजारा से करीब 35 किलोमीटर दूर भिंडूसी गांव में एक ईंट भट्टे पर काम करते थे। मेरा बेटा मुनीम था। हंसराम और उसकी पत्नी लक्ष्मी देवी (सुनीता) वहीं पर मजदूरी करते थे। जितेंद्र और हंसराम दोस्त की तरह रहते थे। दोनों अक्सर साथ खाते-पीते थे। कभी-कभी शराब भी पीते थे।
जून में बारिश होने की वजह से ईंट भट्टे का काम रुक गया था। इसलिए हंसराम और उसके परिवार को मेरा बेटा जितेंद्र किराए पर रहने के लिए घर लेकर आया। वो घर की छत पर एक कमरे में रहते थे और 1500 रुपए किराया देते थे।

मकान की छत पर बने कमरे के अंदर ड्रम रखा हुआ था। ड्रम पर मक्खियां भिनभिना रही थीं। इसी ड्रम में हंसराम की डेडबॉडी थी।
मिथिलेश ने बताया कि अक्सर हंसराम की पत्नी मेरे पास आकर कहती थी कि उसका पति शराब का आदी है, उसने सब कुछ बर्बाद कर दिया है। तब मैंने कह दिया था कि हमारा मकान तो खाली कर दो। वो मकान खाली भी करने वाले थे। उससे पहले ही ये सब हो गया।
लंबे समय से रची जा रही थी हत्या की साजिश बातचीत के बाद मिथिलेश ने घर की छत पर जाने की परमिशन दे दी। जहां हंसराम अपने परिवार के साथ रहता था, वहां का वीडियो नहीं बनाने दिया। छत पर हमें लोहे की एक टंकी और कमरे में एक और नीला ड्रम मिला। एक परिवार के इस्तेमाल के लिए पानी स्टोर करने के लिए यह ड्रम पर्याप्त था।

शुरुआती जांच में पुलिस को शक है कि लक्ष्मी देवी और जितेंद्र ने प्रेम-प्रसंग के चलते हंसराम का मर्डर किया और नीले ड्रम में डालकर फरार हो गए। फोटो- AI जनरेटेड
मकान मालिक के बेटे ने घरवालों को भी गुमराह किया पुलिस सूत्रों की मानें तो डेढ़ महीने पहले मकान मालिक का बेटा जितेंद्र इस परिवार को अपने यहां किराए के लिए लेकर आया था।
जितेंद्र ने अपने पिता राजेश शर्मा से हंसराम और उसकी पत्नी का नाम गलत बताया था। उसने हंसराम का नाम सूरज बताया, जबकि पत्नी लक्ष्मी का नाम सुनीता बताया। घर वालों को आज भी इनके नाम सूरज और सुनीता ही पता है।
मामले की जांच के दौरान पुलिस को हंसराम का आधार कार्ड मिला, जिससे हकीकत सामने आई। जितेंद्र के इस झूठ से कई सवाल खड़े होते हैं।

घर में जांच करते हुए किशनगढ़बास डीएसपी राजेंद्र सिंह और उनकी टीम।
ईंट-भट्ठे पर शुरू हुआ अफेयर पुलिस का दावा है कि शुरुआती जांच में कई अहम एविडेंस उनके हाथ लगे हैं। हालांकि इस एंगल पर ऑन रिकॉर्ड बोलने से इनकार कर दिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जितेंद्र और हंसराम की पत्नी लक्ष्मी के बीच ईंट भट्टे पर रहते हुए ही प्रेम-प्रसंग चल रहा था। जितेंद्र ने हंसराम को शराब पिलाकर अपना दोस्त बना लिया। अक्सर दोनों शाम को शराब पीते थे। इसी बहाने जितेंद्र बेरोक टोक सुनीता से मिलता रहता था।
भट्टे पर काम रुक गया तो हंसराम अपने परिवार के साथ यूपी लौटने की तैयारी करने लगा। ऐसे में जितेंद्र ने लक्ष्मी के साथ नजदीकियां रखने के लिए अपने घर पर किराए पर कमरा देने के लिए मना लिया। उसने हंसराम को वादा किया था कि कुछ दिनों में उसे कहीं और काम दिलवा देगा, लेकिन मन ही मन जितेंद्र उसे ठिकाने लगाने के बारे में सोच रहा था।

जितेंद्र की पत्नी की हो चुकी मौत डीएसपी राजेंद्र सिंह निर्वाण ने बताया- घर में राजेश का 14 साल का पोता और राजेश की पत्नी मिथिलेश मिली थीं। मिथिलेश ने बताया- जितेंद्र की पत्नी की 12 साल पहले मौत हो गई थी। मिथिलेश के पति राजेश शर्मा प्रॉपर्टी कारोबारी है। वे 2 से 3 दिन में घर आते हैं।
16 अगस्त को जन्माष्टमी के चलते वह बाजार गई थीं। इसके बाद लौटीं तो उसे घर में सुनीता और उसके बच्चे दिखाई नहीं दिए। शाम तक जितेंद्र भी घर नहीं लौटा। सुबह जब बदबू आई तो मैंने 100 नंबर पर कॉल किया।
पुलिस की टीमें जांच में जुटीं जितेंद्र और हंसराम की पत्नी की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है। मामले की जांच के लिए चार टीमें बनाई गई हैं, जो राजस्थान, हरियाणा और यूपी में कई जगहों पर दबिश दे रही हैं। डीएसपी राजेंद्र सिंह निर्वाण ने बताया कि अब तक की जांच में यह मामला प्रेम-प्रसंग का लग रहा है। हम बाकी कई एंगल पर जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर इसका खुलासा कर दिया जाएगा।
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