हर शनिवार वटवृक्ष के नीचे दीपक जलाने के पीछे का रहस्य – एक वास्तु उपाय
भारत में वास्तु शास्त्र और धार्मिक परंपराएं जीवनशैली का अहम हिस्सा हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक है — हर शनिवार वटवृक्ष (बड़ के पेड़) के नीचे दीपक जलाना। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा ऊर्जा संतुलन और सकारात्मकता
🔷 वटवृक्ष का महत्व क्या है?
वटवृक्ष को भारतीय संस्कृति में अमरत्व का प्रतीकआयु, समृद्धि और संतुलन
🔷 शनिवार और वटवृक्ष का संबंध
शनिवारशनि देव
🔷 दीपक जलाने के लाभ:
- घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
- शनि की साढ़ेसाती और ढैया जैसे दोषों में राहत मिलती है।
- यह उपाय वास्तु दोष निवारण में सहायक होता है।
🔷 कैसे करें यह उपाय?
शनिवार की शाम को सूर्यास्त के बाद एक सरसों के तेल का दीपक फिर इस दीपक को बड़ के पेड़ के नीचेशनि मंत्र या “ॐ शं शनैश्चराय नमः” इसके बाद एक बार पेड़ की परिक्रमा करें और मनोकामना
🔷 वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वटवृक्ष रात के समय भी कुछ मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है दीपक जलाने से पेड़ के आसपास का वातावरण शुद्ध होता है और कीटाणु नष्ट
📌 निष्कर्ष
वटवृक्ष के नीचे दीपक जलाना केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और वास्तु दृष्टिकोण यदि आप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और शनि दोषों से मुक्ति चाहते हैं, तो यह सरल उपाय अवश्य करें।
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