अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें कम नींद में भी लगता है कि सब ठीक है, तो जरा रुकिए। विज्ञान कहता है कि रोज़ाना छह से सात घंटे से कम सोने से आपके दिमाग और शरीर दोनों पर असर पड़ता है।कम नींद से मूड में चिड़चिड़ापन, सहानुभूति में कमी और जल्दबाज़ी में फैसले लेने की आदतें बढ़ सकती हैं। साथ ही, हार्मोनल असंतुलन के चलते मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है।