नई दिल्ली16 मिनट पहले
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वोटर लिस्ट से नाम हटाने-जोड़ने के लिए अब आधार वेरिफिकेशन जरूरी होगा। इसके लिए चुनाव आयोग (EC) ने अपने पोर्टल और ऐप पर एक नया ‘ई-साइन’ फीचर शुरू किया है।
यह दावा अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट किया गया है। इसके मुताबिक, 23 सितंबर से पहले आधार वेरिफिकेशन जरूरी नहीं था।
राहुल ने इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए लिखा-

ज्ञानेश जी, हमने चोरी पकड़ी तब आपको ताला लगाना याद आया। अब चोरों को भी पकड़ेंगे। तो बताइए, CID को सबूत कब दे रहे हैं आप।
राहुल लगातार चुनाव आयोग पर वोट डिलीट करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने 18 सितंबर को कहा था कि कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट से 6000 से अधिक वोटों को हटाया गया।
चुनाव आयोग का नया फीचर ई-साइन

अब चुनाव आयोग के ecinet पोर्टल पर नया फीचर देखा जा सकता है। पहले आवेदक अपने फोन नंबर को मौजूदा मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) नंबर से जोड़कर चुनाव आयोग के ऐप और पोर्टल पर फॉर्म जमा कर सकते थे, बिना यह सत्यापित किए कि जानकारी वास्तव में उनकी है या नहीं। हालांकि चुनाव आयोग ने इस नए फीचर को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।
आधार से नाम और नंबर वेरीफाई जरूरी पोर्टल पर नए वोटर के रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म 6, वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने/हटाने के प्रस्ताव पर आपत्ति के लिए फॉर्म 7 और सुधार के लिए फॉर्म 8 भरने वाले आवेदक को अब पहचान वेरीफाई करानी होगी।
इसके जरिए चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जिस वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदक आवेदन कर रहे हैं, उसमें उनका नाम उनके आधार कार्ड पर दिए नाम के समान ही हो। आवेदक जिस मोबाइल नंबर का उपयोग कर रहे हैं, वह भी आधार से जुड़ा हो।
राहुल ने पहले भी कई बार वोट चोरी के आरोप लगाए
दरअसल, राहुल गांधी कई बार आरोप लगा चुके हैं कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, वोटों का अवैध जोड़-घटाव और संस्थानों का दुरुपयोग कर चुनाव जीते गए। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने महादेवपुरा और आलंद जैसे इलाकों में इसके उदाहरण भी सामने रखे हैं और आने वाले समय में और भी सबूत जनता को दिखाए जाएंगे।
राहुल ने 20 सितंबर को कहा था- ‘वह जल्द ही ऐसा सबूत सामने लाने वाले हैं जिससे साबित हो जाएगा कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने वोट चोरी कर चुनाव जीते।’ राहुल ने इसे “हाइड्रोजन बम” करार दिया और कहा कि उनके पास खुले-और-बंद सबूत हैं। पूरी खबर पढ़ें…
राहुल की वोट चोरी पर पिछली 2 प्रेस कॉन्फ्रेंस…
18 सितंबर: राहुल ने ECI प्रमुख पर लगाए वोट चोरों की रक्षा करने के आरोप

राहुल ने 18 सितंबर को दिल्ली में ‘वोट चोरी’ पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक व्यक्ति को भी मंच पर बुलाया, जिसका दावा था कि उसका नाम हटाया गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को कहा था- ‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र को नष्ट करने वालों और वोट चोरों को बचा रहे हैं।’ राहुल ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां कांग्रेस समर्थकों के वोट योजनाबद्ध तरीके से हटाए गए।
राहुल ने दावा किया कि आलंद में जिन वोटर्स के नाम डिलीट किए गए उनको हटाने के लिए दूसरे राज्यों में ऑपरेट हो रहे मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया। राहुल ने प्रजेंटेशन में उनके नंबर भी बताए। गोदावाई के 12 पड़ोसी के नाम भी हैं, जिन्हें इन मोबाइल नंबर्स से डिलीट किया गया।
उधर, चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को गलत और निराधार बताया था। कहा था कि कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता। किसी का वोट डिलीट करने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। पढ़ें पूरी खबर…
7 अगस्त- राहुल ने वोटर लिस्ट में अवैध नाम जोड़ने के आरोप लगाए
राहुल गांधी ने 7 अगस्त को वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया। राहुल ने स्क्रीन पर कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटर मौजूद हैं।
उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पुख्ता हुआ कि चुनाव में चोरी हुई है। मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं देने से हमें भरोसा हुआ कि EC ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र चुनाव चोरी किया है। हमने यहां वोट चोरी का एक मॉडल पेश किया। मुझे लगता है इसी मॉडल का प्रयोग देश की कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुआ। पढ़ें पूरी खबर…

राहुल के आरोपों पर EC का जवाब…
17 अगस्त को कहा- प्रेजेंटेशन में दिखाया डेटा हमारा नहीं
चुनाव आयोग (EC) ने 17 अगस्त को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। राहुल गांधी का नाम लिए बिना चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने कहा- PPT प्रेजेंटेशन में दिखाया डेटा हमारा नहीं है। वोट चोरी के आरोपों पर हलफनामा दें या देश से माफी मांगे। 7 दिन में हलफनामा नहीं मिला तो आरोपों को निराधार समझा जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…
18 सितंबर- किसी वोटर का नाम ऑनलाइन डिलीट नहीं होता
राहुल गांधी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा कि किसी भी वोटर का नाम ऑनलाइन तरीके से नहीं हटाया जा सकता और आलंद विधानसभा क्षेत्र में किसी भी वोटर का गलत तरीके से नाम नहीं काटा गया है।
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