जॉन्स हॉपकिन्स किमेल कैंसर सेंटर और उसके सहयोगी संस्थानों के वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट पर शोध किया। उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों और स्वस्थ लोगों के पेशाब के नमूनों का अध्ययन किया है। इसमें तीन खास बायोमार्कर (TTC3, H4C5 और EPCAM) की पहचान हुई है, जो कैंसर की सही-सही जानकारी देते हैं।