सिगरेट में मौजूद केमिकल्स, जैसे निकोटीन और टार, सीधे पैंक्रियाज की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं।
धूम्रपान से शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जो कैंसर के रिस्क को बढ़ाता है।
लार और धुएं के जरिए यह जहर पेट और पैंक्रियाज तक पहुंचता है, जिससे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है।