साइनस में नाक बंद होती है, साथ ही नाक में कफ आदि का बहाव अधिक मात्रा में होता है। बताया जाता है कि इस रोग में नाक के अंदर की हड्डी बढ़ जाती है या तिरछी हो जाती है जिसके कारण श्वास लेने में रुकावट आती है। ऐसे मरीज को जब भी ठंडी हवा या धूल, धुआं उस हड्डी पर टकराता है तो व्यक्ति परेशान हो जाता है। साइनस के संक्रमण होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण हवा की जगह साइनस में मवाद या बलगम आदि भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। इस वजह से माथे पर, गालों पर ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है।