डॉक्टरों का कहना है कि ये स्टडी दिखाती है कि सूअर का फेफड़ा इंसान में ट्रांसप्लांट करना संभव तो है, लेकिन अभी भी बहुत चुनौतियां बाकी हैं। सबसे बड़ी दिक्कत है रिजेक्शन और इंफेक्शन। असल में दिक्कत ये है कि फेफड़े बहुत कॉम्प्लेक्स अंग हैं। वो सिर्फ सांस लेने का ही नहीं, बल्कि खून को फिल्टर करने, शरीर का तापमान संतुलित रखने, पीएच लेवल, प्लेटलेट बनाने और इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करने जैसे कई काम करते हैं। और चूँकि फेफड़े हवा से सीधा वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं, इसलिए उन्हें ट्रांसप्लांट करना बहुत मुश्किल है।