डॉ. तनया ने बताया कि गाली देना सिर्फ गुस्से की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह मानसिक राहत देने का भी जरिया हो सकता है। 2009 में हुई एक रिसर्च में यह पाया गया कि जिन प्रतिभागियों को गाली देने की अनुमति दी गई, वे बर्फीले पानी में अपना हाथ लगभग 30 सेकंड ज्यादा देर तक रख पाए। इसका मतलब है कि गाली देना दर्द सहने की क्षमता को अस्थायी रूप से बढ़ा सकता है। तनया ने मजाकिया अंदाज में कहा कि गाली दो यार मस्त, चॉकलेट खाओ। अगर पार्टनर चॉकलेट नहीं लाए, तो उसे भी गाली दो। हालांकि उनका यह बयान हल्का-फुल्का था, लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक वजह भी है।