शोध Massachusetts General Hospital और University of Manchester के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया। इसमें 42 से 94 साल तक के करीब 3,000 लोगों को 22 साल तक ट्रैक किया गया। नतीजे हैरान करने वाले थे –हर एक घंटे देरी से नाश्ता करने पर मौत का रिस्क 8–11% तक बढ़ गया।जिन लोगों का नाश्ता देर से होता था, उनमें नींद की गड़बड़ी, थकान, डिप्रेशन और दांतों की समस्याएं ज्यादा पाई गईं।उम्र बढ़ने के साथ लोग देर से उठने और देर से खाने लगते हैं, जिससे दिन में खाने का समय सिकुड़ जाता है और शरीर की बॉडी क्लॉक गड़बड़ाने लगती है।