नई दिल्ली1 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को राष्ट्रपति के संदर्भ पर आठवें दिन सुनवाई हुई, जिसमें यह पूछा गया था कि क्या अदालतें राज्य विधानसभाओं में पास बिलों पर विचार करने के लिए राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए समय-सीमा निर्धारित कर सकता है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने इस पर अपनी दलील दी और कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत, राष्ट्रपति और राज्यपाल सिर्फ नाममात्र के प्रमुख हैं। दोनों, केंद्र और राज्यों में मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं।
कर्नाटक सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम ने चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली 5-जजों की बेंच को बताया कि विधानसभा में पारित बिलों पर कार्रवाई के लिए राज्यपाल की संतुष्टि ही मंत्रिपरिषद की संतुष्टि है।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली 5-जजों की संविधान पीठ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के 14 सवालों की जांच कर रहा है। बेंच में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर भी शामिल हैं।