शहीद नरेंद्र सिंधु कैथल के गांव रोहेड़ा के रहने वाले थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही परिवार गम में डूब गया। इनसेट में नरेंद्र की फाइल फाेटो।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में कैथल के लांस नायक नरेंद्र सिंधु (28) शहीद हो गए। बुधवार सुबह पैतृक गांव रोहेड़ा में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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सोमवार को हुई इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी भी मारे गए थे। इनमें से एक आमिर अहमद डार पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी 14 आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल था।
चाचा बीरबल सिंधु ने बताया कि बेटे के बलिदान की खबर मिलने के बाद से मां बार-बार बेहोश हो रही हैं। नरेंद्र के दादा सूबे सिंह भी सेना में थे। नरेंद्र अपने चाचा के साथ ही सेना में भर्ती हुए थे। मुठभेड़ में गोली लगने के बावजूद नरेंद्र ने एक आतंकवादी को मार गिराया। नरेंद्र को आंत में गोली लगी थी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने X पर पोस्ट कर शहीद नरेंद्र सिंधु को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने लिखा कि दुख की इस कठिन घड़ी में हम सब शहीद के परिवार के साथ हैं। मातृभूमि की सेवा में दिया गया उनका यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।

शहीद नरेंद्र सिंधु का फाइल फाेटो।
शहीद नरेंद्र सिंधु से जुड़ी 4 बातें…
- पिता किसान, मां गृहिणी, दो बहनें और एक भाई : नरेंद्र का जन्म 5 अक्टूबर 1996 को गांव रोहेड़ा में हुआ था। उन्होंनें अपनी 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव के एक प्राइवेट स्कूल से की थी। पिता दलबीर सिंह किसान हैं और माता रोशनी देवी गृहिणी हैं। परिवार में दो बहनें और एक छोटा भाई है। बहनों की शादी हो चुकी है। नरेंद्र का छोटा भाई वीरेंद्र अमेरिका में रहता है। वह 2023 में अमेरिका में गया था, जहां अब वह एक होटल में सहायक की नौकरी करता है।
- 4 साल पहले ही श्रीनगर हुई थी पोस्टिंग : वर्तमान में नरेंद्र राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। 4 साल पहले ही उनकी पोस्टिंग श्रीनगर में हुई थी। पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान जगजीत सिंह फौजी ने बताया कि नरेंद्र के शहीद होने की सूचना सबसे पहले एसोसिएशन को ही दी गई थी। इसके बार परिवार को सूचित गया गया। बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार शोक में डूब गया।
- अविवाहित थे, शादी की बात चल रही थी: अभी तक नरेंद्र की शादी नहीं हुई थी। ताऊ के बेटे विक्रम ने बताया कि नरेंद्र की शादी के बारे में परिवार के लोगों की बातचीत चल रही थी। परिवार का कहना था कि जम्मू कश्मीर में नरेंद्र की ड्यूटी का समय पूरा होने वाला था। उन्होंने नया घर बनाया था। वह अक्टूबर में छुट्टी आने वाले थे।
- अंतिम बार ताऊ के बेटे से हुई बात: नरेंद्र अंतिम बार करीब साढ़े 3 महीने पहले अपने घर पर छुट्टी पर आए थे। करीब एक महीना घर रहने के बाद ढाई महीने पहले वे अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे। नरेंद्र सिंधु की अंतिम बार अपने ताऊ के लड़के से बातचीत हुई थी। विक्रम ने बताया कि नरेंद्र ने उससे पूछा था कि घर परिवार के सभी सदस्य ठीक-ठाक हैं या कोई दिक्कत परेशानी तो नहीं है। मैंने कह दिया था कि सब ठीक हैं, तुम वहां अपना ख्याल रखना।

गांव रोहेड़ा में शहीद नरेंद्र सिंधु के घर पर मौजूद ग्रामीण।
हाल ही में नरेंद्र के 2 मामा का हुआ निधन नरेंद्र के बलिदान की खबर मिलने के बाद से ही उनकी मां रोशनी देवी बार-बार बेहोश हो जा रही हैं। परिवार की महिलाएं उन्हें संभालने में जुटी हैं। रोशनी देवी ने कुछ दिनों पहले ही अपने दो भाइयों को खोया था, और वह उस सदमे से अभी उबर भी नहीं पाई थीं कि अब उनके बेटे के बलिदान की खबर आ गई। वह बार-बार अपने बेटे को पुकारती हैं और बेहोश हो जाती हैं। मंगलवार को सदमे की वजह से उनकी हालत और बिगड़ गई, जिसके बाद डॉक्टर को बुलाना पड़ा।
पिता से वीडियो कॉल पर बात हुई, पूछा- फसल कैसी हुई पिता दलबीर सिंह ने कहा कि बेटे का जाना एक पिता के लिए सबसे बड़ा दुख है, लेकिन हमें इस बात का गर्व है कि वह देश के लिए शहीद हुआ। नरेंद्र की शादी करने की हमारी इच्छा थी, लेकिन अब हमारे सारे अरमान अधूरे रह गए। उन्होंने बताया कि रविवार को नरेंद्र से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। उसने फसल के बारे में पूछा था और दो भैंस खरीदने की बात भी कर रहा था।
उसने अपनी दोनों बहनों के बारे में भी जानकारी ली। अपनी मां से उसने कहा था कि छुट्टी आने पर, अक्टूबर में घर के ग्रिल और पेंट का जो काम बचा है, उसे वह पूरा करवाएगा।
