जयपुर-अजमेर हाईवे पर गैस टैंकर हादसा: अब तक 14 की मौत

20 दिसंबर की सुबह जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए गैस टैंकर हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, घायलों की संख्या 80 पहुंच गई है, जिनमें से 30 की हालत गंभीर है। ताजा जानकारी के मुताबिक, 13 घायलों ने सवाई मान सिंह अस्पताल में दम तोड़ा, जबकि एक की मौत जयपुरिया अस्पताल में हुई।
सरकारी सहायता और मुआवजा
राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कार्यालय से भी सहायता की घोषणा हुई है। मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।

कैसे हुआ हादसा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, LPG टैंकर 20 दिसंबर की सुबह अजमेर से जयपुर की ओर जा रहा था। सुबह 5:45 बजे, टैंकर ने भांकरोटा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने यू-टर्न लेने की कोशिश की। उसी समय, दूसरे लेन से आ रहा एक ट्रक टैंकर से टकरा गया।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि टैंकर का नॉजल टूट गया, जिससे गैस लीक होने लगी। टक्कर से निकली चिंगारी ने गैस में आग लगा दी, जिसके बाद भयंकर विस्फोट हुआ। आग की लपटों ने लगभग 1.25 किलोमीटर के इलाके को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे 40 से अधिक वाहन जल गए।

हादसे की विभीषिका
इस हादसे में एक स्लीपर बस, जो उदयपुर से जयपुर जा रही थी, वो भी आग की चपेट में आ गई। एक बाइकर का हेलमेट इतनी तेज गर्मी से उनके चेहरे पर चिपक गया। हादसे के बाद अस्पतालों में घायल लोगों की चीखें गूंजती रहीं।
घायलों में एक शव ऐसा भी मिला जिसका सिर्फ धड़ बचा था। मृतकों में से 5 अज्ञात शवों के DNA सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
जांच और कार्रवाई
इस भीषण हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक समिति का गठन किया है। सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति ने राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांशु पंत से 30 जनवरी तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह समिति हादसे के सभी पहलुओं की जांच करेगी।
जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए इस गैस टैंकर हादसे ने सड़क सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। प्रशासन और जांच एजेंसियां मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही हैं।
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