इस्लाम धर्म का जन्म कैसे हुआ? Islam Dharm Ki Shuruaat
परिचय
इस्लाम धर्म दुनिया के सबसे बड़े और प्राचीन धर्मों में से एक है। इसका जन्म सातवीं सदी में मक्का शहर (सऊदी अरब) से हुआ। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि इस्लाम धर्म कैसे शुरू हुआ, इसके संस्थापक कौन थे और इसका उद्देश्य क्या है।
इस्लाम धर्म की शुरुआत
साल 570 ईस्वी में अरब देश के मक्का शहर में एक बच्चे का जन्म हुआ, जिनका नाम था मोहम्मद। आगे चलकर इन्हें पैग़म्बर मोहम्मद साहब के नाम से जाना गया।
उस समय अरब में अंधविश्वास, जातिवाद और कई सामाजिक बुराइयाँ फैली हुई थीं।
पैग़म्बर मोहम्मद साहब को पहला संदेश
जब मोहम्मद साहब 40 वर्ष के थे, तब मक्का के पास हिरा गुफा में उन्हें वही यानी अल्लाह का संदेश मिला। यह संदेश फ़रिश्ते जिब्राईल के माध्यम से आया। यहीं से इस्लाम धर्म की नींव पड़ी।
Click हिरा गुफा के बारे में रोचक तथ्य
हिरा गुफा मक्का के नूर पहाड़ पर स्थित है जहाँ पैगंबर मोहम्मद को पहली बार अल्लाह का संदेश प्राप्त हुआ था।
इस्लाम का अर्थ और पवित्र ग्रंथ
इस्लाम का अर्थ है – “शांति और समर्पण”। इस धर्म का पवित्र ग्रंथ है कुरान, जिसे अल्लाह का वचन माना जाता है।
इस्लाम के पाँच स्तंभ (Five Pillars of Islam)
- ईमान – सिर्फ एक ईश्वर (अल्लाह) में विश्वास।
- नमाज़ – दिन में पाँच बार प्रार्थना।
- रोज़ा – रमज़ान के महीने में उपवास रखना।
- ज़कात – गरीब और जरूरतमंद की मदद करना।
- हज – मक्का की यात्रा करना।
इस्लाम का उद्देश्य
इस्लाम धर्म का उद्देश्य शांति, प्रेम और इंसानियत को बढ़ावा देना है। यह धर्म सामाजिक सुधार और लोगों को सही रास्ता दिखाने के लिए शुरू हुआ था।
निष्कर्ष
इस्लाम धर्म का जन्म मक्का में पैग़म्बर मोहम्मद साहब के माध्यम से हुआ। इसका संदेश है – एक ईश्वर में विश्वास, शांति और मानवता। आज इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।