अमेरिका में 32 वर्ष रहने के बाद डिपोर्ट की गईं पंजाब मूल की बुजुर्ग महिला हरजीत कौर (73) का अब दर्द छलका है। उन्होंने बताया है कि गिरफ्तारी के बाद उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया।
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उन्होंने कहा कि हाजिरी लगाने के दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके तुरंत बाद ही उन्हें एक ठंडे कमरे में बंद कर दिया गया। जब ओढ़ने को कुछ मांगा तो एल्यूमीनियम फॉइल का टुकड़ा दे दिया।
महिला का कहना है कि डिटेंशन सेल में उन्हें सोने के लिए फट्टा दिया गया। खाने के लिए ठंडी ब्रेड और बीफ देते थे, जिसे वह खाती नहीं थीं। उन्होंने चिप्स और बिस्कुट पर 10 दिन गुजारे।
बता दें कि अमेरिका ने महिला हरजीत कौर को 24 सितंबर को बेड़ियां लगाकर पंजाब भेजा था। वह अब मोहाली में अपनी बहन के घर पर रह रही हैं।

बुजुर्ग महिला ने गिरफ्तारी के समय की ये बातें बताईं…
- हर 6 महीने हाजिरी लगाने जाती थी: गिरफ्तारी के बारे में बताते हुए हरजीत कौर भावुक हाे गईं। वह कहने लगीं कि उनके पास पासपोर्ट नहीं था, इसलिए उन्हें अमेरिका के कार्यालय में हाजिरी लगाने जाना पड़ता था। वह हर 6 महीने में हाजिरी लगवा रही थीं। उन्होंने बताया- वह तय तारीख पर हाजिरी लगाने कार्यालय पहुंची थीं। तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
- गिरफ्तार कर ठंडे कमरे में बंद किया: हरजीत कौर बताती हैं- गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया था, जहां बहुत सर्दी थी। जब सर्दी से बचने के लिए मैंने कुछ मांगा को एल्यूमीनियम फॉइल का एक पीस दे दिया गया। मैं वहां लगे एक शीशे में से आवाजें लगाती रही, लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी।
- 10 दिन चिप्स, बिस्किट और पानी पर गुजरे: उन्होंने बताया- अगली सुबह हथकड़ी और बेड़ियां लगाकर मुझे गाड़ी में बैठाकर गया और बेक्सविड लाया गया। यहां मुझे 10 दिन रखा गया। मुझे इस संबंधी कुछ नहीं बताया गया था कि मेरे साथ क्या किया जा रहा है। 10 दिन अलग-अलग डिटेंशन सेल में रहने के दौरान मुझे काफी यातनाओं का सामना करना पड़ा। ऐसा लगता था जैसे मैं कोई अपराधी हूं। मुझे सोने के लिए छोटे से फट्टे का बेड दिया गया था। 10 दिन उसी पर गुजारा किया। खाने में चिप्स, 2 बिस्किट और पानी ही लेती थी। वे मुझे चीज लगी ठंडी ब्रेड और बीफ देते जो मैं खा भी नहीं सकती थी।
- प्लेन में बैठने के हथकड़ियां खोलीं: हरजीत करती हैं- 10 दिन के बाद मुझे भारत के लिए डिपोर्ट किया गया। मेरे बेड़ियां और हथकड़ियां लगी थीं, लेकिन प्लेन में बैठने के बाद उन्हें खोल दिया गया था। इसके बाद 24 सितंबर को मुझे भारत लाकर छोड़ दिया गया।

भारत में कोई सगा नहीं, मुझे रोना आता है बुजुर्ग बताती हैं- यहां भारत में उनका सगा कोई नहीं है। वह कभी अपने भाई तो कभी किसी अन्य रिश्तेदार के घर रह रही हैं। दशकों तक मैंने अपने पौत्र और पौत्री को पाला। अब जब वह वीडियो कॉल पर बात करते हुए मुझसे पूछते हैं कि दादी आपके पास बेड है, तो मुझे रोना आता है। जिंदगी के इस आखिरी समय के दौरान मेरे अपने मुझसे बिछड़ गए।
हरजीत कौर बताती हैं कि अमेरिका से भारत पहुंचाने के लिए उनके परिजनों ने भी सरकार से आग्रह कर थोड़ा समय मांगा था। उन्होंने कहा था कि वह खुद अपने खर्चे पर हरजीत कौर को भारत भेज देंगे, लेकिन परिवार की भी कोई सुनवाई नहीं की गई।
1992 में 2 बेटों के साथ अमेरिका गई थीं हरजीत कौर 1992 में 2 बेटों के साथ अमेरिका गई थीं। अब US इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट (ICE) ने उन्हें गैरकानूनी ढंग से अमेरिका में रहने का आरोप लगाकर भारत डिपोर्ट किया है। परिवार का तर्क है कि वह 3 दशक से अमेरिका में रह रही थीं। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
बता दें कि हरजीत कौर को हिरासत में लेने के खिलाफ भारतीय मूल के लोगों ने अमेरिका में प्रदर्शन किए थे। उनकी उम्र और सेहत को देखते हुए परिवार ने रिहाई की मांग की, लेकिन उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया।
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अमेरिका में रह रही पंजाब मूल की 73 साल की हरजीत कौर को बुधवार रात डिपोर्ट कर दिया गया। वह 32 साल से अमेरिका में रह रही थी। हरजीत कौर वर्ष 1992 में अपने 2 बेटों के साथ अमेरिका गई थीं। पूरी खबर पढ़ें…