अहमदाबाद1 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

जानकारी के मुताबिक, रोपवे का तार टूटने की वजह से ट्रॉली ऊंचाई से नीचे जमीन में गिर गई।
गुजरात के पंचमहाल जिले के पावागढ़ के महाकाली मंदिर शक्तिपीठ में शनिवार को गुड्स (सामान ले जाने वाले) रोपवे के टूटने से 6 लोगों की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
जानकारी के मुताबिक, रोपवे का तार टूटने की वजह से ट्रॉली ऊंचाई से नीचे जमीन में गिर गई। हादसे में कई लोगों के घायल होने की खबर भी है। वहीं, मृतकों में 2 लिफ्ट ऑपरेटर, 2 मजदूर और अन्य दो लोग शामिल हैं। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है।
हादसे की 4 तस्वीरें…

गुजरात के पंचमहाल जिले के पावागढ़ के महाकाली मंदिर शक्तिपीठ में शनिवार को सामान ले जाने वाले रोपवे के टूटने से 6 लोगों की मौत हो गई।

हादसा रोपवे का तार टूटने की वजह से हुआ और ट्रॉली ऊंचाई से नीचे जमीन में गिर गई।

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

हादसे में कई लोगों के घायल होने की खबर भी है। वहीं, मृतकों में 2 लिफ्ट ऑपरेटर, 2 मजदूर और अन्य दो लोग शामिल हैं।
पावागढ़ में 2 अलग-अलग रोपवे हैं
पावागढ़ में को महाकाली मंदिर तक जाने के लिए दो अलग-अलग रोपवे बने हैं। एक रोपवे श्रद्धालुओं लाने-ले जाने के लिए है, जबकि दूसरा रोपवे केवल सामान और निर्माण सामग्री ढोने के लिए तैयार किया गया है। हादसा इसी गुड्स रोपवे में हुआ।
2023 में भी रोपवे की रस्सी टूटी थी
पावागढ़ में इससे पहले 25 अगस्त 2023 को भी बड़ा हादसा होने से टला था। उस समय महाकाली मंदिर तक जाने वाली रोपवे की पिलर नंबर 4 की केबल बीच में ही टूट गई थी, जिससे 10 से ज्यादा यात्री हवा में बोगियों में फंस गए थे। हालांकि गनीमत रही कि सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया और कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
800 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है शक्तिपीठ

पावागढ़ मंदिर समुद्र तल से करीब 800 मीटर ऊंची पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित है।
पावागढ़ मंदिर, मां महाकाली को समर्पित एक प्राचीन और प्रसिद्ध शक्ति पीठ है। यह मंदिर समुद्र तल से करीब 800 मीटर ऊंची पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित है। माना जाता है कि यहां सती माता का दाहिना पैर गिरा था। शारदीय नवरात्रि सहित अन्य पर्वों पर लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, हालांकि रेगुलर भी भक्तों का आना लगा रहता है।
—————————