यह शोध ‘Neurology’ नामक प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। करीब पाँच साल तक 2,750 लोगों पर किए गए इस अध्ययन में यह पाया गया कि जिन लोगों को लगातार नींद की समस्या थी, उनमें दिमागी कमजोरी (Cognitive Impairment) का खतरा 40% तक बढ़ गया था। यानी, नींद न आना सिर्फ एक परेशानी नहीं, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है।