रतन टाटा ने भारतीय सेना को नहीं दी बुलेट प्रूफ और बम प्रूफ बसें
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में यह दावा किया जा रहा है कि रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ और बम प्रूफ बसें उपलब्ध कराई हैं। एक आसमानी रंग की बख्तरबंद बस (जिस पर टाटा लिखा है) के साथ रतन टाटा की एक तस्वीर जोड़कर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है। इस तस्वीर के साथ लिखा गया है कि रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ और बम प्रूफ बसें मुहैया कराई हैं।
हालाँकि, अपनी जांच में हमने पाया कि यह दावा गलत है। रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ और बम प्रूफ बसें उपलब्ध नहीं कराई हैं। तस्वीर में दिख रही बसें 2017 में मिधानी (मिश्र धातु निगम लिमिटेड) ग्रुप की तरफ से सीआरपीएफ को दी गईं थीं।

फैक्ट चेक/वेरिफिकेशन
जांच की शुरुआत में हमने वायरल दावे को गूगल कीवर्ड्स से खोजा लेकिन इससे जुड़ी कोई रिपोर्ट हमें नहीं मिली। जिसके बाद हमने दावे के साथ साझा की जा रही तस्वीर को Google Reverse Image Search किया। हमें यह तस्वीर केंद्रीय सशस्त्र बल (CRPF) द्वारा 7 सितम्बर 2017 को उनके आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से शेयर की गई एक पोस्ट में दिखाई दी।
पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि ‘MIDHANI द्वारा #MakeInIndia के तहत निर्मित बख्तरबंद बस और भाभा कवच, हल्के वजन वाले बीपी जैकेट को आज सीआरपीएफ महानिदेशक को सौंप दिया गया।’
यह स्पष्ट है कि रतन टाटा ने भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ और बम प्रूफ बसें नहीं दी हैं। वायरल तस्वीर में दिखाई गई बसें मिधानी द्वारा निर्मित और सीआरपीएफ को प्रदान की गई थीं। सोशल मीडिया पर फैल रही इस तरह की गलत जानकारी से सावधान रहें और हमेशा तथ्य जांचें।
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