एंटीवेनम जब नहीं था तब इसके कारण मौत होना तय माना जाता था। मगर, अब अस्पतालों में एंटीवेनम हैं। इसलिए, मृत्यु दर कम हुआ है। इलाज न मिलने पर मौत का खतरा 30% तक हो सकता है। बता दें, लैसेंट के अनुसार, 1970 में बिच्छू से काटने पर मौत का दर 40% था वहीं, साल 2014 में मौत का दर 1% हो गया है। ये गिरावट भारत के लिए सही संकेत हैं।