The New England Journal of Medicine में प्रकाशित, स्वीडन के Karolinska Institutet और Karolinska University Hospital के वैज्ञानिकों ने एक क्लिनिकल स्टडी की, जिसका नाम था “ALASCCA ट्रायल”। इस स्टडी में 3,500 से अधिक ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जिन्होंने स्टेज I से III तक के कोलन या रेक्टल कैंसर का ऑपरेशन करवाया था।
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन मरीजों के कैंसर में PI3K सिग्नलिंग पाथवे नामक जेनेटिक परिवर्तन मौजूद था, यदि वे रोजाना 160 मिलीग्राम एस्पिरिन तीन वर्षों तक लेते रहे, तो उनमें कैंसर के दोबारा लौटने का खतरा लगभग 55% तक घट गया।