डॉक्टरों ने झांग का दो हफ्ते तक इलाज किया, जिसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। साथ ही डॉक्टरों ने सख्त चेतावनी दी कि इस तरह के खतरनाक घरेलू नुस्खों से दूर रहें। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वू झोंगवेन ने बताया कि इस तरह के मामले बुजुर्गों में आम होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग दर्द या त्वचा रोग ठीक करने के लिए ज़िंदा मेंढक, कच्चा सांप का पित्त या मेंढक की खाल का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इनसे फायदा नहीं बल्कि जान का खतरा बढ़ता है।