वारविक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गेविन मोर्ले का कहना है कि हीरे में मौजूद ये रंगीन केंद्र न केवल चुंबकीय परिवर्तनों को पहचानने में सक्षम होते हैं, बल्कि हीरे को हल्का गुलाबी आभा भी प्रदान करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यही तकनीक आने वाले समय में कैंसर का पता लगाने का बेहद सरल, सुरक्षित और बिना किसी दुष्प्रभाव वाला तरीका साबित हो सकती है।