देश में हर रोज करीब 15,000 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, जबकि सालभर में लगभग 1.2 करोड़ यूनिट रक्त की मांग होती है। लेकिन वर्तमान में उपलब्ध रक्त की मात्रा केवल 90 से 95 लाख यूनिट तक सीमित है। भारत में लगभग 1.5 लाख थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज ऐसे हैं, जो अपनी जिंदगी को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से रक्त चढ़ाते हैं। इसके अलावा कैंसर, डायलिसिस, हृदय रोग और बड़ी सर्जरी कराने वाले मरीजों को भी पर्याप्त रक्त की आवश्यकता होती है। इसके बिना इन मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पाता।