कुलदीप बिश्नोई और देवेंद्र बूड़िया।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में एक बार फिर प्रधान पद को लेकर जंग छिड़ गई है। रेप के आरोपों में बंद देवेंद्र बूड़िया ने हिसार जेल से बाहर आते ही कहा है- महासभा का मैं ही प्रधान हूं। हालांकि इससे पहले पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई समर्थकों की ओर से रजिस्ट्रा
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बूड़िया समर्थकों ने इस लेटर को फर्जी बताया था और प्रधान पद पर खुद की दावेदारी जताई थी। ऐसे में महासभा में कुर्सी की जंग आने वाले समय में और तेज हो सकती है।
बता दें कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में आदमपुर सीट से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई की हार हुई थी। इसके बाद से ही अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान रहे देवेंद्र बूड़िया और कुलदीप बिश्नोई के बीच विवाद शुरू हो गया था।
यह विवाद तब सामने आया जब पिछले साल फेसबुक पर लाइव आकर देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप के करीबी नलवा सीट से भाजपा विधायक रणधीर पनिहार पर हरियाणा निवास से अपहरण करने का आरोप लगाया। इसके बाद देवेंद्र बूड़िया ने मुकाम धाम में बैठक कर कुलदीप बिश्नोई का संरक्षक पद समाप्त कर दिया और बिश्नोई रत्न की उपाधि वापस ले ली।

हिसार सेंट्रल जेल से छूटने के बाद देवेंद्र बूड़िया को समर्थक फूलों का हार पहनाते हुए।
3 पॉइंट में जानें, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का विवाद….
- देवेंद्र बूड़िया ने कहा- मेरे साथ बुरा बर्ताव किया: बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर कहा था- मुझे 2 दिन से रणधीर पनिहार (कुलदीप बिश्नोई के करीबी MLA) दिल्ली बुला रहे हैं। मैं गया तो मेरे साथ ट्रैजेडी की और मेरे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया। हालांकि, विधायक रणधीर पनिहार ने सफाई दी थी कि जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है।
- जोधपुर जाकर कहा- कुलदीप बिश्नोई ने मेरा अपमान किया: सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के बाद देवेंद्र बूड़िया जोधपुर पहुंचे। वहां उन्होंने समाज के लोगों के साथ बैठक की और कहा कि कुलदीप बिश्नोई और रणधीर पनिहार ने मेरा अपमान किया है। मैं समाज का प्रधान हूं। कोई बाहरी (रणधीर पनिहार) समाज के व्यक्ति का कैसे अपमान कर सकता है? इस पर बिश्नोई समाज के लोग गुस्सा हुए और फैसला लिया गया कि मुकाम धाम में बड़ी बैठक बुलाकर फैसला किया जाएगा।
- बिश्नोई समाज की मीटिंग में कुलदीप को संरक्षक पद से हटाया: इसके बाद बूड़िया ने बिश्नोई समाज की मीटिंग बुला कर कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटा दिया। साथ ही फैसला लिया गया है कि अब महासभा के अंदर आगे से संरक्षक का पद ही नहीं होगा। इसके अलावा नए प्रधान का चुनाव अब लोकतांत्रिक तरीके से होगा। पहले संरक्षक प्रधान को चुनते थे। चुनाव होने तक बूड़िया को ही प्रधान बने रहने के लिए कहा गया। इसी बीच कुलदीप बिश्नोई ने संरक्षक होने के नाते बूड़िया को प्रधान पद से हटाकर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त कर दिया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई से बिश्नोई रत्न का सम्मान वापस ले लिया।

कुलदीप को हटाते ही महासभा हो गई थी दोफाड़ बता दें कि कुलदीप बिश्नोई को लेकर अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा दोफाड़ हो गई थी। महासभा के 21 में से 14 सदस्यों ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद पर बरकरार रखने के लिए मुरादाबाद (UP) रजिस्ट्रार सोसाइटी को हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा था। इसमें कहा गया था कि कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाना असंवैधानिक है।
उन्होंने कहा था कि मौजूदा प्रधान देवेंद्र बूड़िया ने बिना कार्यकारिणी से पूछे ऐसा निर्णय लिया,जो नियमानुसार सही नहीं है। संरक्षक को हटाने के लिए कार्यकारिणी की सहमति लेनी जरूरी है, जबकि 21 में से 14 सदस्य कुलदीप बिश्नोई के समर्थन में हैं। इन 14 में से 11 सदस्यों ने रजिस्ट्रार सोसाइटी को एफिडेविट (शपथ पत्र) भी सौंपा था।

देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप से विवाद खत्म करने के दिए संकेत वहीं, जेल से बाहर आने के देवेंद्र बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई से विवाद खत्म करने के संकेत दिए हैं। हिसार की सेंट्रल जेल से बाहर आने के बाद देवेंद्र बूड़िया कुलदीप बिश्नोई पर कुछ भी बोलने से बचते रहे। यहां तक कि उन्होंने कहा कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। बूड़िया ने कहा कि उनका समाज सभी का सम्मान करता है और किसी से कटुता नहीं रखता।
वहीं, रेप मामले पर भी बूड़िया ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए वह टिप्पणी नहीं करना चाहते।

हिसार में जेल से बाहर आते ही भास्कर एप के सवालों का जवाब देते देवेंद्र बूड़िया।
आइए बताते हैं दैनिक भास्कर एप से देवेंद्र बूड़िया ने कहा…
सवाल: आप कई दिनों बाद जेल से छूटकर बाहर आए हैं? बूड़िया: न्यायालय में विश्वास करते हैं, सत्य की जीत हुई।
सवाल: केस के बारे में आप कुछ कहना चाहेंगे? बूड़िया: नहीं, मैं केस के बारे में कुछ नहीं कहूंगा, क्योंकि केस न्यायालय में चल रहा है। न्यायिक प्रक्रिया जो कहती है, उसी के अनुसार चलना पड़ता है।
सवाल: आपने कहा था कि आपको राजनीति के तहत फंसाया गया है? बूड़िया: देखिए मैं आज कुछ नहीं कहना चाहता। इस विषय पर अभी मैं कुछ नहीं बोलूंगा।
सवाल: राजस्थान में आपके समर्थक कुलदीप बिश्नोई का विरोध कर रहे हैं? बूड़िया: हमारी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। हम सबका आदर करते हैं। हम गुरु जंभेश्वर भगवान में विश्वास रखते हैं। हमारा समाज आदरणीय समाज है और हम किसी व्यक्ति विशेष से कटुता नहीं रखते।
सवाल: महासभा में बताया जा रहा है कि प्रधान पद खाली पड़ा है? बूड़िया: नहीं, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का मैं प्रधान हूं।
सवाल: सभा के आगामी चुनाव को लेकर क्या कहना चाहेंगे? बूड़िया: हमारा उद्देश्य जल्द से जल्द महासभा का चुनाव करवाने का है।
फेसबुक पर लाइव देवेंद्र बूड़िया ने अपने कार्यक्रम बताए हिसार जेल से छूटने के बाद देवेंद्र बूड़िया फेसबुक पर लाइव आए और कहा कि मैं आज सालासर धाम में सवामणी लगाऊंगा और यहां बिश्नोई धर्मशाला में जागरण में मौजूद रहूंगा। इसके बाद सुबह 9 बजे के आसपास मुकाम पहुंचेंगे। मुकाम में समराथल जाएंगे। यहां से पैदल यात्रा मुकाम धाम तक करेंगे। मुकाम में महाप्रसादी है, इसके लिए मैं सभी को आमंत्रित करता हूं। इसके बाद पीपासर जन्मस्थली पर जाएंगे और दर्शन करेंगे। फिर पीपासर से श्री बालाजी महाराज और तेजाजी महाराज के दर्शन करके जोधपुर जाएंगे। कल जोधपुर में भी मेरे यहां जागरण हैं।
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हरियाणा के पूर्व CM चौधरी भजनलाल के BJP नेता बेटे कुलदीप बिश्नोई को लेकर अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा दोफाड़ हो गई है। महासभा के 21 में से 14 सदस्यों ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद पर बरकरार रखने के लिए मुरादाबाद (UP) रजिस्ट्रार सोसाइटी को हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा है। इसमें कहा गया है कि कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाना असंवैधानिक है। (पूरी खबर पढ़ें)