नई दिल्ली2 मिनट पहले
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पंजाब की तरनतारन सीट पर भाजपा, कांग्रेस AAP और शिरोमणि अकाली दल कैंडिडेट तय कर चुके हैं।
चुनाव आयोग ने 7 राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है। इन सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, 14 नवंबर को नतीजे आएंगे।
जम्मू-कश्मीर में बडगाम और नागरोटा, राजस्थान में अंता, झारखंड में घाटसिला (ST),तेलंगाना की जुबली हिल्स, पंजाब की तरनतारन, मिजोरम की डम्पा और ओडिशा की नुआपाडा विधानसभा सीट पर चुनाव होना हैं।
जम्मू और कश्मीर में दो विधानसभा सीटें बडगाम और नगरोटा अक्टूबर 2024 से खाली हैं। 2024 के विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद बडगाम सीट खाली हो गई थी, जब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गंदेरबल सीट को अपने पास रखने का फैसला किया था। यह सीट 21 अक्टूबर, 2024 से खाली है।
दूसरी ओर, नगरोटा सीट विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद 31 अक्टूबर, 2024 को खाली हो गई थी।

राजस्थान में सजा के बाद गई मीणा की विधायकी
राजस्थान में बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। कंवरलाल मीणा की विधायकी जाने के बाद ये सीट खाली हुई थी।
कंवरलाल मीणा को एसडीएम पर पिस्टल तानने के 20 साल पुराने मामले में सजा होने के बाद मई से उनकी विधायकी खत्म कर दी गई थी। 2023 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे समर्थक कंवरलाल मीणा ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे प्रमोद जैन भाया को हराया था।

पंजाब में सभी दलों ने प्रत्याशी तय किए
पंजाब की तरनतारन विधानसभा सीट आप विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद खाली हुई थी। पंजाब में तरनतारन उपचुनाव के लिए 4 प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, AAP, अकाली दल और भाजपा ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। इनमें AAP ने एक बार फिर दलबदलू को मौका दिया है। CM भगवंत मान ने बीते शुक्रवार को हरमीत संधू को उम्मीदवार घोषित किया।
वह अकाली दल छोड़कर AAP में शामिल हुए। कांग्रेस ने यहां से करणबीर सिंह बुर्ज को उम्मीदवार बनाया है। बुर्ज कांग्रेस किसान सेल के वाइस प्रेसिडेंट रह चुके हैं और जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं।
भाजपा ने पूर्व अकाली व यूथ अकाली नेता रहे हरजीत सिंह संधू को कैंडिडेट बनाया है। शिरोमणि अकाली दल ने प्रिंसिपल सुखविंदर कौर रंधावा को तरनतारन उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है। उनकी पहचान “आजाद ग्रुप” की प्रमुख नेता के रूप में है।

झारखंड में भाजपा चंपाई के बेटे को मौका दे सकती है झारखंड की घाटसिला सीट विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन से खाली हुई है।
घाटशिला विधानसभा सीट पूर्वी सिंहभूम जिले में आती है और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है। यहां कुल 2,49,212 मतदाता हैं, जिनमें 1,22,564 पुरुष, 1,26,649 महिला और 2 थर्ड जेंडर शामिल हैं। हालांकि अभी मतदाताओं की फाइनल लिस्ट आना बाकी है।
घाटशिला उपचुनाव की बात करें तो अभी तक किसी दल ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। झामुमो के प्रत्याशी के रूप में पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।
अब नजरें भाजपा पर टिक गई हैं। क्या इस बार भाजपा फिर से सहानुभूति की लहर पर लड़े जाने वाले घाटशिला उपचुनाव में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को पुन: मैदान में उतारेगी या फिर किसी और को मौका देगी।
विधायकों के निधन से खाली हुई सीटें
तेलंगाना की जुबली हिल सीट पर इस साल जून में BRS विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के बाद सीट खाली हो गई थी।
मिजोरम की डम्पा विधानसभा सीट 21 जुलाई को एमएनएफ विधायक लालरिन्टलुआंगा सैलो के निधन के बाद खाली हो गई थी। ओडिशा में नुआपाड़ा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 8 सितंबर को विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के बाद खाली हुई है।