अहमदाबाद. मैरिंगो सिम्स हॉस्पिटल और चंद्रा नी क्लिनिक ने 90 वर्षीय केनेडियन सिटिजन कंचनबेन दवे को नया जीवन दिया है, जिन्होंने एक बार फिर पेन-फ्री लेग मूवमेन्ट, यानी चलने की चाह में भारत तक का सफर तय किया था। अपनी बढ़ती उम्र के बावजूद, उनके दृढ़ संकल्प और संघर्ष ने उन्हें स्पेशियलाइज्ड आर्थोपेडिक केयर के लिए अहमदाबाद लाया गया था।
दवे को 14 अगस्त को चंद्रा नी क्लिनिक के चीफ नी सर्जन और मैरिंगो अस्पताल में आर्थोपेडिक्स एवं ज्वाइंट रिप्लेसमेन्ट सर्जरी के डिरेक्टर डॉ. के.सी. मेहता की एक्सपर्ट केयर में भर्ती कराया गया था। अगले ही दिन 15 अगस्त 2025 को उनकी सर्जरी हुई और सावधानीपूर्वक प्लानिंग, एडवान्स्ड सर्जिकल एक्सपर्टिज और सहानुभूतिपूर्ण देखभाल के चलते पेशन्ट की एक्स्ट्रा ओर्डिनरी रिकवरी हुई है। 18 अगस्त तक उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। वे आत्मविश्वास से चल पा रही थीं।
डॉ. के.सी. मेहता ने कहा कि दवे ने हमें याद दिलाया कि उम्र सिर्फ़ एक नंबर है। जब बेहतर जीवन जीने की इच्छा प्रबल हो, तो मेडिकस सायंस और कम्पेशनेट केर मिलकर असंभव को भी संभव बना सकते हैं। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में, हम बार-बार विश्वस्तरीय परिणामों और नी रिप्लेसमेन्ट सर्जरी में बेजोड़ विशेषज्ञता के साथ आर्थोपेडिक केर में मानक स्थापित कर रहे हैं। दवे की रिकवरी चुनौतीपूर्ण मामलों में भी उच्च-प्रभावी परिणाम देने की हमारी क्षमता को दर्शाता है। हम सेन्टर ओफ एक्सिलैंस (सीओई) का निर्माण कर इस क्षमता का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं, जिससे हर देश के मरीज़ों की हेल्थकेर की समान गुणवत्ता, सटीक सर्जरी और पेशन्ट फर्स्ट दृष्टिकोण का अनुभव मिल सके, जिसने हमें भारत के सबसे भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवा ब्रांडों में से एक बनाया है।
डॉ. राजीव सिंघल, फाउन्डिंग मेम्बर और ग्रुप सीईओ मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने कहा कि हमारी मेडिकल वैल्यू ट्रैवल ईनिशिएटिव के माध्यम से मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स देशों के बीच एक सेतु का निर्माण कर रहा है, जिससे भारत क्रिटिकल आर्थोपेडिक केर के लिए पहली पसंद बन रहा है।