एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 88% मरीजों ने तब जांच करवाई जब उन्हें कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण महसूस हुए, जबकि कैंसर न होने वाले लोगों में केवल 55% ने ही लक्षणों के आधार पर जांच कराई। परिवार में कैंसर का इतिहास होने से जोखिम दोगुना हो सकता है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि केवल 13% मामलों में ही जेनेटिक कारण पाए गए, यानी ज़्यादातर मरीजों में कैंसर का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं था।