मुंबई. भारत के एनिमल हेल्थकेर सेक्टर के लिए वेटरिनरी वेक्सिन ईन्डिया मेन्युफेक्चर्स एसोसिएशन ने मिलकर वेटरिनरी वेक्सिन ईन्डिया मेन्युफेक्चर्स एसोसिएशन वीवीआइएमए के गठन की घोषणा की है। यह एक नोन-गवर्नमेन्ट, नोन-प्रोफिट ओर्गेनाइजेशन है जो भारत में वेटरिनरी वेक्सिन मेन्युफेक्चर्स का समूह है। यह संगठन वेटरिनरी वेक्सिन में ईनोवेशन, क्वोलिटी मेन्युफेक्चरिंग और ग्लोबल कोम्पेटिटिवनेस के लिए एक सक्षम ईकोसिस्टम बनाने हेतु नीति निर्माताओं, नियामकों और हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करेगा। इसका उद्देश्य भारत को एनिमल वेक्सिन के रिसर्च, डेवलोपमेन्ट और मेन्युफेक्चरिंग के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। वन हेल्थ कोन्सेप्ट को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध वीवीआइएमए इफेक्टिव ईम्युनाईझेशन स्ट्रेटेजिस के माध्यम से एनिमल हेल्थ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे पशुओं में बीमारी के जोखिम, पशुओं और मनुष्यों के बीच रोग संचरण के जोखिम को कम किया जा सकेगा और ग्रामीण भारत में पशुपालन से जुड़े लोगों की आय में सुधार होगा।
25 सितंबर को दिल्ली में वीवीआइएमए के संस्थापक सदस्यों और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के बीच एक बैठक हुई, जिसमें राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, सचिव नरेश पाल गंगवार, पशुपालन आयुक्त डॉ. प्रवीण मलिक और अतिरिक्त सचिव वर्षा जोशी ने VVIMA की कमिटमेन्ट व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, VVIMA रिसर्च एवं डेवलोपमेन्ट, प्रौद्योगिकी अधिग्रहण, ईन्नोवेशन और मजबूत आपूर्ति-श्रृंखला के माध्यम से एनिमल वेक्सिन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेगा, जिसका व्यापक लक्ष्य भारत को वेटरिनरी वेक्सिन्स का वैश्विक सप्लायर बनाना है।
भारत में वेटरिनरी वेक्सिन मार्केट 2000 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है। जबकि विश्व पशु चिकित्सा टीका बाजार 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का होने का अनुमान है। भारत में आठ निजी क्षेत्र के वेटरिनरी वेक्सिन मेन्युफेक्चर्स और कई सरकारी स्वामित्व वाली वेटरिनरी वेक्सिन मेन्युफेक्चरिंग युनिट्स हैं। भारत में वेटरिनरी वेक्सिन मुर्गी, ढोर, भेड़, बकरी, पीग और पालतू जानवरों की बीमारियों के लिए बनाए जाते हैं। विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य टीकाकरण कार्यक्रमों के अंतर्गत, भारत सरकार फूट एन्ड माउथ डिसिस FMD, ब्रुसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स PPR, गोट पोक्स के लीए और क्लासिकल स्वाइन फीवर के लिए वेक्सिन खरीदती और वितरित करती है; ये सभी वेक्सिन घरेलू स्तर पर निर्मित होते हैं, और मुख्यतः निजी क्षेत्र द्वारा आपूर्ति किए जाते हैं।