डॉक्टरों के अनुसार, अगर यह संक्रमण बचपन में होता है, तो 90% बच्चों में यह लंबे समय तक शरीर में बना रहता है।
लेकिन अगर यही बीमारी बड़े होने पर होती है, तो सिर्फ 5% मामलों में ही क्रॉनिक यानी स्थायी बनती है। इसलिए बच्चों को जन्म के तुरंत बाद यह वैक्सीन देना बेहद जरूरी है ताकि उनका शरीर वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी विकसित कर सके।